काश की मेरी हज़ार आँखे होती
तो तुमको जी भर के देखता
मेरी दो आँखे तो तेरी दो आँखों
को देखने मे ही उलझ जाती है
तुम्हारी झील-सी आँखों का जादू,
मुझे हर पल बांधकर रखता है।
हर बार जब तुम्हें देखूं,
जैसे समय वहीं ठहर जाता है।
तुम्हे कसकर पकड़ने को
मुझे दस हाथ चाहिए होंगे
मेरे दो हाथ तो गले के
हार बनकर रह जाते है
तुम्हारे बदन की खुशबू में,
मेरा हर स्पर्श खो जाता है।
जितना करीब आऊं तुम्हारे,
उतना और पास आने की चाह बढ़ जाती है।
मुझे सौ होठ चाहिए तुम्हे
सर के पाँव तक चूमने को
मेरे दो होंठ तो तेरे होठो के
बस कैदी बन जाते है
काश मेरे पास हज़ार दिल होते,
ताकि हर एक से तुम्हें प्यार दे पाता।
ये एक दिल तो बस तुम्हारे,
साँसों की धड़कन बनकर रह जाता है।