सब्र तो इतना है कि क्या बताये
पूरी उम्र इंतज़ार कर लूंगा तेरा
बेचैनी इतनी है बढ़ जाती कि
एक पल भी नहीं कटता तेरे बिन
दूर होकर कोई दूर रहता है तो
दिल को समझाना आसान है
पास होकर भी ये इतनी दुरी
बहुत बेसब्र कर देती है मुझको
बार बार यादो मे आकर
इतना क्यों सताती हो ?
इतनी सजा काफ़ी नहीं
कि तू मेरे साथ नहीं ?
मसला तुम्हे सिर्फ पाने का होता
तो ज़ोर जबरदस्ती हम भी करते
मे चाहता हूँ कि तुम ऐसे आवो
कि कभी भी खोने का डर ना हो